प्रात: का भोजन :-
1) जौ की रोटी खाना ।
2) मूंग और चौलार्इ की सब्जी, सहजन, अदरक का प्रयोग अधिक करें ।
3) कुलत्थी की सब्जी खायें ।
4) छाछ पियें । 5) व्रजासन में बैठें ।
शाम का भोजन :-
1) गेहूँ की रोटी
2) सहजन की भाजी 3) गर्म दूध (हल्दी युक्त)
पथ्य :- घी का प्रयोग ज्यादा करें, पानी ज्यादा पियें, कुलत्थी, अदरक, पत्थर चटटा, सहजन का प्रयोग करें, नींबू के रस का प्रयोग ।
अपथ्य :- मिठार्इयाँ , गुस्सा करना, ज्यादा मसालेदार भोजन, भूख का वेग रोकना, मख्खन, घी,चर्बी बढ़ाने वाले पदार्थ ।
पथ्य :- घी का प्रयोग ज्यादा करें, पानी ज्यादा पियें, कुलत्थी, अदरक, पत्थर चटटा, सहजन का प्रयोग करें, नींबू के रस का प्रयोग ।
अपथ्य :- मिठार्इयाँ , गुस्सा करना, ज्यादा मसालेदार भोजन, भूख का वेग रोकना, मख्खन, घी,चर्बी बढ़ाने वाले पदार्थ ।
सामान्य नियम :-
1) सुबह-सुबह उठते ही 2-3 गिलास गुनगुना पानी पीना है।
2) सुबह का भोजन सूरज निकलने के 2 घन्टे बाद तक जरूर कर ले।
3) दोहपर का भोजन 12 से 2 के बीच में कर लेना चाहिए।
4) शाम का भोजन सूरज के छिपने से आधे घन्टे पहले तक कर ले।
5) सुबह का नाश्ता न लेकर पुरा भोजन करे। भोजन सुबह का सबसे ज्यादा रहना चाहिए। जैसे सुबह आपने 3 रोटी + चावल खाया तो दोहपर को एक तिहार्इ हिस्सा कम करे तो दोहपर में 2 रोटी व शाम को भी एक तिहार्इ हिस्सा कम ले 1 रोटी ही खाए।
6) सुबह भोजन के साथ ज्यूस ले सकते है दोहपर में भोजन के साथ छाछ ताक ले सकते है व शाम को भोजन के बाद दुध ले सकते है।
7) पानी भोजन करने के डेढ़ घन्टे बाद में ही पीएं खाने के साथ में पानी भूलकर भी न पीएं।
8) पानी जब भी पीएं घूट-घूट भरकर (चुस्किया) लेकर ही पिएं।
9) चीनी शक्कर का प्रयोग करना बंद कर दे उसका जगह गुड़ या मिश्री ;खड़ी शक्करद्ध का प्रयोग करें।
10) आयोडीन नमक का प्रयोग बंद कर दे और उसकी जगह सेंधा नमक ;पत्थर वालाद्ध का ही प्रयोग करे, क्योंकि आयोडीन नमक में 3-4 तत्व ही हमारे शरीर के लायक होते है और सेंधा नमक में 94 तत्व हमारे शरीर के लायक होते है। इसलिए इसका प्रयोग जरूर अपने भोजन में करे।
11) रिफार्इन्ड, डबल रिफार्इन्ड और सोयाबीन तेल का प्रयोग भोजन में करना हानिकारक है उसकी जगह मुंगफली, तिल, सरसो घानी वाला तेल ही प्रयोग करे।
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