दमा (श्वास रोग ) Asthma
आज के समय में दमा तेज़ी से स्त्री - पुरुष व बच्चों को अपना शिकार बना रहा है | साँस लेने में दिक्कत या कठिनाई महसूस होने को श्वास रोग कहते हैं | फेफड़ों की नलियों की छोटी-छोटी पेशियों में जब अकड़न युक्त संकुचन उत्पन्न होता है तो फेफड़ा, साँस को पूरी तरह अंदर अवशोषित नहीं कर पाता है जिससे रोगी पूरा श्वास खींचे बिना ही श्वास छोड़ने को विवश हो जाता है | इसी स्थिति को दमा या श्वास रोग कहते हैं |दमा को पूर्ण रूप से ठीक करने हेतु प्राणायाम का अभ्यास सर्वोत्तम है |
विभिन्न औषधियों से दमे का उपचार :----
१- अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से श्वास , खांसी व जुक़ाम में लाभ होता है ।
२- प्याज़ का रस , अदरक का रस , तुलसी के पत्तों का रस व शहद ३-३ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम सेवन करने से अस्थमा रोग नष्ट होता है |
३- काली मिर्च - २० ग्राम , बादाम की गिरी - १०० ग्राम और खाण्ड - ५० ग्राम लें | तीनों को अलग - अलग बारीक़ पीस कर चूर्ण बना लें , फिर तीनों को अच्छी तरह से मिला लें | इस मिश्रण की एक चम्मच लें और रात को सोते समय गर्म दूध से लें , लाभ होगा |
विशेष :-- जिनको मधुमेह हो वे खाण्ड का प्रयोग न करें तथा जिनको अम्लपित्त [acidity ] हो वे काली मिर्च १० ग्राम की मात्र में प्रयोग करें |
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जिन लोगो को बच्चो को नायुमोनिया होता है या कम उम्र के बच्चे को सांस की अलेर्जिक प्रॉब्लम अस्थमा टाइप हे उन्हें कीकर यानि बबूल की 2 पातड़ी यानि फलियाँ सुखी हुई लेकर हल्का पिस कर बीज निकाल कर आधे कप पानी में उबाल लेवे और जब पानी 3 घूँट के करीब रह जाये तो उस पानी को चाय बनाकर आधे कप चाय में मिलकर पिला दे । 3 से 4 महीने में ये प्रॉब्लम जड़ से ख़त्म हो जाये गी और फेफड़ो को मजबूत करने के लिए पात्ड़ी का आचार गर्मियों में जरूर खांए किसी को भी सांस की प्रॉब्लम कभी नहीं होगी।
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